الترجمة الهندية - العمري- المجمع

Add Enterpreta Add Translation

صفحة 187

وَأَذَٰنٞ مِّنَ ٱللَّهِ وَرَسُولِهِۦٓ إِلَى ٱلنَّاسِ يَوۡمَ ٱلۡحَجِّ ٱلۡأَكۡبَرِ أَنَّ ٱللَّهَ بَرِيٓءٞ مِّنَ ٱلۡمُشۡرِكِينَ وَرَسُولُهُۥۚ فَإِن تُبۡتُمۡ فَهُوَ خَيۡرٞ لَّكُمۡۖ وَإِن تَوَلَّيۡتُمۡ فَٱعۡلَمُوٓاْ أَنَّكُمۡ غَيۡرُ مُعۡجِزِي ٱللَّهِۗ وَبَشِّرِ ٱلَّذِينَ كَفَرُواْ بِعَذَابٍ أَلِيمٍ ٣

3. तथा अल्लाह और उसके रसूल की ओर से सार्वजनिक सूचना है, महा ह़ज[733] के दिन कि अल्लाह मिश्रणवादियों (मुश्रिकों) से अलग है तथा उसका रसूल भी। फिर यदि तुम तौबा (क्षमा याचना) कर लो, तो वह तुम्हारे लिए उत्तम है और यदि तुमने मुँह फेरा, तो जान लो कि तुम अल्लाह को विवश करने वाले नहीं हो और आप उन्हें जो काफ़िर हो गये, दुःखदायी यातना का शुभ समाचार सुना दें।