الترجمة الهندية - العمري- المجمع

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وَيُعَذِّبَ ٱلۡمُنَٰفِقِينَ وَٱلۡمُنَٰفِقَٰتِ وَٱلۡمُشۡرِكِينَ وَٱلۡمُشۡرِكَٰتِ ٱلظَّآنِّينَ بِٱللَّهِ ظَنَّ ٱلسَّوۡءِۚ عَلَيۡهِمۡ دَآئِرَةُ ٱلسَّوۡءِۖ وَغَضِبَ ٱللَّهُ عَلَيۡهِمۡ وَلَعَنَهُمۡ وَأَعَدَّ لَهُمۡ جَهَنَّمَۖ وَسَآءَتۡ مَصِيرٗا ٦

6. तथा यातना दे मुनाफ़िक़ पुरुषों तथा स्त्रियों को, जो बुरा विचार रखने वाले हैं अल्लाह के संबंध में। उन्हीं पर बुरी आपदा आ पड़ी तथा अल्लाह का प्रकोप हुआ उनपर और उसने धिक्कार दिया उन्हें तथा तैयार कर दी उनके लिए नरक और वह बुरा जाने का स्थान है।